स्पर्श ---
आत्मत्राण (कविता )
रविन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय।
कवि की भक्ति -भावना का ज्ञान।
कवि ने लीक से हटकर अपने ईश्वर का ध्यान किया है।
संघर्ष को ही जीवन का सत्य माना है।
मूल्यपरक प्रश्न --
यह कविता अन्य भक्तिपरक कविताओं से किस प्रकार भिन्न है और हमें क्या सन्देश देती है ?
आत्मत्राण (कविता )
रविन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय।
कवि की भक्ति -भावना का ज्ञान।
कवि ने लीक से हटकर अपने ईश्वर का ध्यान किया है।
संघर्ष को ही जीवन का सत्य माना है।
मूल्यपरक प्रश्न --
यह कविता अन्य भक्तिपरक कविताओं से किस प्रकार भिन्न है और हमें क्या सन्देश देती है ?
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